सफर-ए-ज़िन्दगी पे हूँ SHARE FacebookTwitter सफर-ए-ज़िन्दगी पे हूँ , तुम भी मेरे संग चलोसदिओं का रास्ता लम्हों में कटे , ले कर कुछ ऐसी तरंग चलोज़िन्दगी को बहुत तड़पा हूँ अब तो बन के ज़िन्दगी की उमंग चलोकुछ तो रंगीनीआ हो फ़िज़ाओं में , भर ते कुछ रंग चलो !!More SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message