"कर्मों की आवाज़ शब्दों से भी ऊँची होती है SHARE FacebookTwitter "कर्मों की आवाज़ शब्दों से भी ऊँची होती है...! "दूसरों को नसीहत देना तथा आलोचना करना सबसे आसान काम है। सबसे मुश्किल काम है चुप रहना और आलोचना सुनना...!!" यह आवश्यक नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए। आवश्यक तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए ।।More SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message