"कर्मों की आवाज़ शब्दों से भी ऊँची होती है

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"कर्मों की आवाज़ शब्दों से भी ऊँची होती है...! "दूसरों को नसीहत देना तथा आलोचना करना सबसे आसान काम है। सबसे मुश्किल काम है चुप रहना और आलोचना सुनना...!!" यह आवश्यक नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए। आवश्यक तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए ।।

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