खुबसुरत है जिंदगी ख्वाब की तरह! जाने कब टुट जाये काँच की तरह! हमे ना भुलाना किसी SHARE FacebookTwitter खुबसुरत है जिंदगी ख्वाब की तरह! जाने कब टुट जाये काँच की तरह! हमे ना भुलाना किसी बात की तरह! अपनी सोच मे रखना खुबसुरत याद की तरह!More SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message