आशाएं ऐसी हो जो- मंज़िल तक ले जाएँ SHARE FacebookTwitter आशाएं ऐसी हो जो- मंज़िल तक ले जाएँ, मंज़िल ऐसी हो जो- जीवन जीना सीखा दे..! जीवन ऐसा हो जो- संबंधों की कदर करे, और संबंध ऐसे हो जो- याद करने को मजबूर कर दे..!!More SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message