चलो फिर से खुद को जगाते हैं SHARE FacebookTwitter चलो फिर से खुद को जगाते हैं; अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं; याद करें उन शूरवीरों को क़ुरबानी; जिनके कारण हम इस लोकतंत्र का आनंद उठाते हैं। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!More SHARE FacebookTwitter
न पाल हिन्दू मुस्लिम का वैर, मेरी माँ के प्यार को न बना इतना गैर; उसके दिल में सभी समान.......Read Full Message
ना जियो धर्म के नाम पर, ना मरो धर्म के नाम पर; इंसानियत ही है धर्म वतन का, बस जियो वतन के.......Read Full Message
नफरत बुरी है न पालो इसे, दिलों में खलिश है निकालो इसे, न तेरा... न मेरा... न इस.......Read Full Message
इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना, रौशनी होगी चिरागों को जलाए रखना, लहू देकर की है.......Read Full Message