परिंदों को मिलेगी मंज़िल यक़ीनन SHARE FacebookTwitter परिंदों को मिलेगी मंज़िल यक़ीनन, ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं; वो लोग रहते हैं खामोश अक्सर, ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं।More SHARE FacebookTwitter