ज़िंदगी का सारा खेल तो "वक़्त" रचता है! SHARE FacebookTwitter ज़िंदगी का सारा खेल तो "वक़्त" रचता है! इंसान तो सिर्फ़ अपना "किरदार" निभाता है! सुप्रभात! SHARE FacebookTwitter