इन अंधेरों के लिए कुछ आफ़ताब माँगे हैं

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इन अंधेरों के लिए कुछ आफ़ताब माँगे हैं;
दुआ में हम ने दोस्त कुछ ख़ास माँगे हैं;
जब भी माँगा कुछ ख़ुदा से तो;
आपके लिए खुशियों के पल बे-हिसाब माँगे हैं।
शुभ रात्रि!

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