चलो सो जाते हैं अब फिर किसी सच की तालाश में

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चलो सो जाते हैं अब फिर किसी सच की तालाश में;
कल फिर सुबह उठ कर फिर से झूठी दुनिया का दीदार करना है।
शुभरात्रि!

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