ताश के पत्तों से कभी ताजमहल नहीं बनता SHARE FacebookTwitter ताश के पत्तों से कभी ताजमहल नहीं बनता; नदी को रोकने से समंदर नहीं बनता; लड़ते रहो ज़िंदगी से हर दिन हर पल क्योंकि; सिर्फ एक बार जीतने से कोई सिकंदर नहीं बनता।More SHARE FacebookTwitter
हर एक महान सपने की शुरुआत एक स्वप्नद्रष्टा से होती है। हमेशा याद रखिये, आपके अन्दर व.......Read Full Message