रोये हैं बहुत तब ज़रा करार मिला है

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रोये हैं बहुत तब ज़रा करार मिला है;
इस जहां में किसे भला सच्चा प्यार मिला है;
गुज़र रही है ज़िंदगी इम्तिहान के दौर से;
एक ख़त्म हुआ तो दूसरा तैयार मिला हैं।

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