मुख्तसर कि परवाह नहीं कि जीना खुशी से मकसद है मेरा जिन्दगी चार पल की है

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मुख्तसर कि परवाह नहीं कि जीना खुशी से मकसद है मेरा जिन्दगी चार पल की है , कि इसी से दामन मुक्कमल है मेरा ।

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