वक़्त-वक़्त की बात है बचपन में चिल्लर मांग कर टॉफ़ी कहानी पड़ती थी!

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वक़्त-वक़्त की बात है बचपन में चिल्लर मांग कर टॉफ़ी कहानी पड़ती थी!
अब चिल्लर ना होने की वजह से टॉफ़ी खानी पड़ती है!

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