समापत होते वर्ष में मेरे मन कर्म और वाणी से यदि किसी को भी ठेस

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समापत होते वर्ष में मेरे मन कर्म और वाणी से यदि किसी को भी ठेस पहुँची हो तो मैं हृदय से क्षमा प्रार्थी हूँ!

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