समापत होते वर्ष में मेरे मन कर्म और वाणी से यदि किसी को भी ठेस SHARE FacebookTwitter समापत होते वर्ष में मेरे मन कर्म और वाणी से यदि किसी को भी ठेस पहुँची हो तो मैं हृदय से क्षमा प्रार्थी हूँ! SHARE FacebookTwitter