ज़िंदगी की तपिश को सहन कीजिये जनाब

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ज़िंदगी की तपिश को सहन कीजिये जनाब,
अक्सर वे पौधे मुरझा जाते हैं, जिनकी परवरिश छाया में होती हैं!

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