हम ज़िन्दगी भर ज़मीनों की कीमतों पर इतराते रहे! SHARE FacebookTwitter हम ज़िन्दगी भर ज़मीनों की कीमतों पर इतराते रहे! हवा ने अपनी कीमत माँगी तो ख़रीदी हुई ज़मीनें बिक गयी! SHARE FacebookTwitter