काली काली बदरियाँ हैं छाई घटायें घुमड़ घुमड़ कर हैं आई सावन ने ली अंगडाई मन में मस्ती

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काली काली बदरियाँ हैं छाई घटायें घुमड़ घुमड़ कर हैं आई सावन ने ली अंगडाई मन में मस्ती छाई फुहारों ने भिगोया धरती का दामन चारों और हरियाली छाई पक्षियों के करलव से गूंजा आसमान पैड पौधो पर भी रौनक छाई छलकने को बेताब हैं ताल-तलैया नदियाँ भी उफान पर हैं आई

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