मंजिल भी तेँरी थी

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मंजिल भी तेँरी थी, और रास्ता भी तेँरा था, एक तेँरा प्यार पा लु, बस येँही सपना मेँरा था, मेँरे साथ रहनेँ कि कसम भी तेँरी थी, फिर अकेँला छोँड जानेँ का ख्याल भी तेँरा था, हाथोँ मेँ हाथ लेँकर मुझेँ हँसानेँ कि सोँच भी तेँरी थी, मेँरी आँखोँ मेँ आँसु देनेँ का सिलसिला भी तेँरा था, मैँ क्युँ यहाँ तन्हा रह गया? मेँरा दिल सवाल करतेँ हैँ... किस्मत तोँ तेँरी थी... पर क्युँ " काँटावाली " भी तेँरी थी? काँटावाली बोँली :- उसेँ यार बनानेँ कि गलती भी तेरीँ थी, उस पर यकीन करनेँ का ख्याल भी तेँरा था, उसेँ क्या गम होँगा तेरेँ जीनेँ का? सच्चा प्यार उसका नहीँ, सच्चा प्यार तोँ सिर्फ तेँरा था..!!

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