मंजिल भी नहीं ठिकाना भी नहीं

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मंजिल भी नहीं ठिकाना भी नहीं...
वापस मुझे उसके पास जाना भी नहीं...
हमने ही सिखाया था उसे बंदूक चलाना...
आज हमारे सिवा कोई और उसका निशाना भी नही..

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