हर इमारत की नींव हैं
अमीरों की तक़दीर हैं
खून पसीना बहाकर अपना
पूरा करते वो अमीरों का सपना
दो वक्त की उसे मिले ना मिले
पर उसी के हाथो करोड़ो की तक़दीर लिखे
माना उसकी किस्मत हैं
अभी नहीं हैं एशो आराम
पर उसको ना भुलाना तुम
ना बनाना बैगाना तुम
देना उसे उसका हक़
मजदूर हैं वह मेहनती शख्स
मजदुर दिवस