हर सुबह निकल पड़ता है जो खुद की तलाश में SHARE FacebookTwitter हर सुबह निकल पड़ता है जो खुद की तलाश में; वो खोई हुई सी एक पहचान हूँ मैं; ना आँखों में ख्वाब है ना दिल में तमन्ना कोई; अपनी बनाई हुई राहों से ही अनजान हूँ मैं। सुप्रभात!More SHARE FacebookTwitter