तुमने चाहा ही नहीं

SHARE

तुमने चाहा ही नहीं, हालात बदल सकते थे;
तेरे आंसू मेरी आँखों से निकल सकते थे;
तुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरह;
दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे!

SHARE