पठान ने घड़ीसाज से कहा, "इस घड़ी को ठीक करने का क्या लोगे?"
घड़ीसाज: जो कीमत आप को पड़ी थी, उसका आधा दे देना!
अगले दिन घड़ी ठीक कराने के बाद पठान ने घड़ीसाज को दो थप्पड़ मार दिए!
घड़ीसाज ने पूछा, "मुझे थप्पड़ क्यूँ मारे?"
पठान ने झट से जवाब दिया, "जब मैंने घड़ी लेने की ज़िद की थी तो मेरे अब्बू ने मुझे चार थप्पड़ मारे थे!"