लड़का-लड़की गंगा किनारे बैठे थे। माहौल रोमांटिक था। सूरज डूबने को था। मंद-मंद हवा चल रही थी। लड़की बहुत देर से बोल रही थी और लड़का मुस्कराता हुआ उसकी बात सुन रहा था।
लड़की ने पूछा- क्या तुम्हें मेरी बातें सुनना इतना अच्छा लगता है कि तुम कुछ बोलते ही नहीं?
लड़के ने सिर हिलाया और एक उंगली से रेत पर लिखा- नहीं रे, रजनीगंधा खाए हैं।