कोई और गुनाह करवा दे मुझ से मेरे खुदा

SHARE

कोई और गुनाह करवा दे मुझ से मेरे खुदा, मोहब्बत करना अब मेरे बस की बात नहीं।
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
भावार्थ:-
प्रस्तुत पद में कवि सिर्फ पेलना चाहते हैं।

SHARE