मुझ पे तूफ़ाँमुझ पे तूफ़ाँ..मुझ पे तूफ़ाँ उठाये लोगों नेमुफ़्त बैठे बिठाये लोगों नेकर दिए अपने आने-जाने केतज़किरे जाये-जाये लोगों नेवस्ल की बात कब बन आयी थीदिल से दफ़्तर बनाये लोगों नेबात अपनी वहाँ न जमने दीअपने नक़्शे जमाये लोगों नेसुनके उड़ती-सी अपनी चाहत कीदोनों के होश उड़ाये लोगों नेक्या तमाशा है जो न देखे थेवो तमाशे दिखाये लोगों नेकर दिया 'मोमिन' उस सनम को ख़फ़ाक्या किया हाये- हाये लोगों ने
तड़पती है आज भी रूह आधी रात कोतड़पती है आज भी रूह आधी रात कोनिकल पड़ते हैं आँख से आँसू आधी रात कोइंतज़ार में तेरे वर्षों बीत गए सनम मेरेदिल को है आस आएगी तू आधी रात को
बस इतना ही कहा था मैंने कि तेरे प्यार में बरसों से प्यासा हूँ सनमबस इतना ही कहा था मैंने कि तेरे प्यार में बरसों से प्यासा हूँ सनमऔर उसने पानी का पाइप मुंह में डालकर मोटर चला दी