तुझमें और मुझमे फर्क सिर्फ इतना सा है कितुझमें और मुझमे फर्क सिर्फ इतना सा है कितेरा कुछ कुछ हूँ मैं और मेरा सब कुछ है तू
हँसकर कबूल क्या कर ली सजाएँ मैंनेहँसकर कबूल क्या कर ली सजाएँ मैंनेज़माने ने दस्तूर ही बना लिया हर इलज़ाम मुझ पर मढ़ने का
जिसके लिए तोड़ दी मैंने सारी सरहदेंजिसके लिए तोड़ दी मैंने सारी सरहदेंआज उसी ने कह दिया कि जरा हद में रहा करो