हाथों की लकीरों पर मत जा ऐ ग़ालिबहाथों की लकीरों पर मत जा ऐ ग़ालिबनसीब उन के भी होते हैं जिन के हाथ नहीं होते
हाथों की लकीरों के फरेब में मत आनाहाथों की लकीरों के फरेब में मत आनाज्योतिषों की दुकान पर मुक्कदर नहीं बिकते
छीनकर हाथों से जाम वो इस अंदाज़ से बोलीछीनकर हाथों से जाम वो इस अंदाज़ से बोलीकमी क्या है इन होठों में जो तुम शराब पीते हो