हसरतों की जहर बुझी लौ में मोम सा दिल जला दिया हमनेहसरतों की जहर बुझी लौ में मोम सा दिल जला दिया हमनेकौन बिजली की धमकियां सहता, आशियाँ खुद जला दिया हमने
अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम परअधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर,अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती
अधूरी हसरतों का आज भी इल्ज़ाम है तुम परअधूरी हसरतों का आज भी इल्ज़ाम है तुम परअगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती