जब मिलने लगा उसकी मोहब्बत में सुकूनजब मिलने लगा उसकी मोहब्बत में सुकूनफिर यूँ हुआ वो मेरा साथ छोड़ गयाअभी बहुत बाकी थी हसरतें दिल मेंमगर वो शख्स अधूरी मुलाक़ात छोड़ गया
सुकून अपने दिल का मैंने खो दियासुकून अपने दिल का मैंने खो दियाखुद को तन्हाई के समंदर में डुबो दियाजो था मेरे कभी मुस्कुराने की वजहआज उसकी कमी ने मेरी पलकों को भिगो दिया
माँगते थे रोज़ दुआ में सुकून ख़ुदा सेमाँगते थे रोज़ दुआ में सुकून ख़ुदा सेसोचते थे वो चैन हम लाएं कहाँ सेकिसी रोज एक प्यासे को पानी क्या पिला दियालगा जैसे खुदा ने सुकून का पता बता दिया
सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिलीसब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिलीएक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिलीकरने को बहुत काम थे अपने लिए मगरहमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत न मिली
सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून सेसोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून सेपर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला