सिलसिले तोड़ गयासिलसिले तोड़ गया..सिलसिले तोड़ गया वो सभी जाते-जातेवरना इतने तो मरासिम थे कि आते-जातेशिकवा-ए-जुल्मते-शब से तो कहीं बेहतर थाअपने हिस्से की कोई श मा जलाते जातेकितना आसाँ था तेरे हिज्र में मरना जानाफिर भी इक उम्र लगी जान से जाते-जातेजश्न-ए-मक़्तल ही न बरपा हुआ वरना हम भीपा बजोलां ही सहीं नाचते-गाते जातेउसकी वो जाने, उसे पास-ए-वफ़ा था कि न थातुम 'फ़राज़' अपनी तरफ से तो निभाते जाते
चल रहे है जमाने में रिश्वतो के सिलसिलेचल रहे है जमाने में रिश्वतो के सिलसिलेतुम भी कुछ ले-दे कर, मुझसे मोहब्बत कर लो..
अपनी तकदीर में तो कुछ ऐसे ही सिलसिले लिखे हैंअपनी तकदीर में तो कुछ ऐसे ही सिलसिले लिखे हैंकिसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनायातो किसी ने अपना बनाकर 'वक़्त' गुजार लिया
ख़ामोशियों के सिलसिले बढ़ते गएख़ामोशियों के सिलसिले बढ़ते गएकारवाँ चलता रहा हम भी चलते गएना उनको ख़बर, ना हमें उनकी फिकरज़िंदगी जिस राह ले चली हम भी चलते गए