अपनी आँखों के समंदर में उत्तर जाने देअपनी आँखों के समंदर में उत्तर जाने देतेरा मुज़रिम हूँ मुझे डूब के मर जाने देज़ख़्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझकोसोचता हूँ कहूँ तुझसे, मगर जाने दे
यकीन अपनी चाहत का इतना है मुझेयकीन अपनी चाहत का इतना है मुझेमेरी आँखों में देखोगे और लौट आओगेमेरी यादों के समंदर में जो डूब गए तुमकहीं जाना भी चाहोगे तो जा नहीं पाओगे