हमनें जब किया दर्द-ए-दिल बयांहमनें जब किया दर्द-ए-दिल बयां, तो शेर बन गयालोगों ने सुना तो वाह वाह किया, दर्द और बढ़ गयामोहब्बत की पाक रूह मेरे साँसों में हैख़त लिखा जब गम कम करने के लिए तो गम और बढ़ गया