रात से शिकायत क्या बस तुम्हीं से कहना हैरात से शिकायत क्या बस तुम्हीं से कहना हैबस तुम ज़रा ठहर जाओ रात कब ठहरती है
मुझ से रूठकर वो खुश है तो शिकायत ही कैसीमुझ से रूठकर वो खुश है तो शिकायत ही कैसी,अब मैं उनको खुश भी ना देखूं तो हमारी मोहब्बत ही कैसी
सर-ऐ-आम मुझे ये शिकायत है ज़िन्दगी सेसर-ऐ-आम मुझे ये शिकायत है ज़िन्दगी से;क्यूँ मिलता नहीं मिजाज मेरा किसी से...?