घायल कर के मुझे उसने पूछाघायल कर के मुझे उसने पूछा, करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसेलहू-लहू था दिल मगर होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा
याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरहयाद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरहकौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं
एहसास-ए-मोहब्बत के लिए बस इतना ही काफी हैएहसास-ए-मोहब्बत के लिए बस इतना ही काफी हैतेरे बगैर भी हम, तेरे ही रहते हैं