दोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत या रबदोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत या रबमेरा अपना ही भला हो मुझे मंज़ूर नहीं
Hindi Shayari, Ruh ke rishto kiरूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखियेचोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँचाहे हम खुशियों में माँ को भूल जायें दोस्तोंजब मुसीबत सर पे आ जाए, तो याद आती है माँ