हम तो पागल हैंहम तो पागल हैं..शौक़-ए-शायरी के नाम पर ही दिकी बात कह जाते हैं....!!!!और कई लोग गीता पर हाथ रख कभी सच नहीं कह पाते है....!
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैतेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैतमाम उम्र तेरे नाम करने को दिल करता हैएक मुक़्क़मल शायरी है तू कुदरत कीतुझे ग़ज़ल बना कर जुबां पर लाने को दिल करता है