ना जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों मेंना जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों मेंशराब सा नशा है तेरी निगाहों मेंतेरी तलाश में तेरे मिलने की आस लिएदुआऐं मॉगता फिरता हूँ मैं दरगाहों में
यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहींयहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहींमुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे