वादा करते तो कोई बात होतीवादा करते तो कोई बात होतीमुझे ठुकराते तो कोई बात होतीयूँ ही क्यों छोड़ दिया दामनकसूर बतलाते तो कोई बात होती
वादा करके निभाना भूल जाते हैंवादा करके निभाना भूल जाते हैंलगा कर आग फिर वो बुझाना भूल जाते हैंऐसी आदत हो गयी है अब तो सनम कीरुलाते तो हैं मगर मनाना भूल जाते हैं
वादा करके वो निभाना भूल जाते हैंवादा करके वो निभाना भूल जाते हैंलगा कर आग फिर वो बुझाना भूल जाते हैंऐसी आदत हो गयी है अब तो उस हरजाई कीरुलाते तो हैं मगर मनाना भूल जाते हैं
ना इश्क़ का इज़हार कियाना इश्क़ का इज़हार किया, ना ठुकरा सके हमें वोहम तमाम ज़िंदगी मज़लूम रहे, उनके वादा मोहब्बत के
वादा करके और भी आफ़त में डाला आपनेवादा करके और भी आफ़त में डाला आपनेज़िन्दगी मुश्किल थी, अब मरना भी मुश्किल हो गया