लहरों से मिलकरलहरों से मिलकर, न वो बह सके न हम;एक दूजे के दिल में, न वो रह सके न हम;जीत लेते आसमां एक दिनलेकिन पलकों की ख़ामोशी को होठों से, न वो कह सके न हम
वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा थावो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा थाखुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा थामहोब्बत में मिली थी नफरत उसे भी शायदइसलिए हर शख्स को शायद बेवफा लिख रहा था