जिन्हें सलीका है तहजीब-ए-गम समझने काजिन्हें सलीका है तहजीब-ए-गम समझने कउन्ही के रोने में आंसू नजर नही आते
क्यों हिज्र के शिकवे करता है क्यों दर्द के रोने रोता हैक्यों हिज्र के शिकवे करता है क्यों दर्द के रोने रोता हैअब इश्क़ किया तो सब्र भी कर इस में तो यही कुछ होता है
कैसा सितम है आपका यह कि रोने भी नहीं देताकैसा सितम है आपका यह कि रोने भी नहीं देताकरीब आते नहीं और खुद से जुदा होने भी नहीं देता