मिलकर जुदा हुए तोमिलकर जुदा हुए तो..मिलकर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हमएक दूसरे की याद में रोया करेंगे हमआँसू छलक छलक के सतायेंगे रात भरमोती पलक पलक में पिरोया करेंगे हमजब दूरियों की आग दिलों को जलायेगीजिस्मों को चाँदनी में भिगोया करेंगे हमगर दे गया दग़ा हमें तूफ़ान भी "क़तील"साहिल पे कश्तियों को डूबोया करेंगे हम
होशियारी दिल-ए-नादानहोशियारी दिल-ए-नादान..होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता हैरंज कम सहता है एलान बहुत करता हैरात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चिरागकम से कम रात का नुकसान बहुत करता हैआज कल अपना सफर तय नहीं करता कोईहाँ सफर का सर-ओ-सामान बहुत करता हैअब ज़ुबान खंज़र-ए-कातिल की सना करती हैहम वो ही करते है जो खल्त-ए-खुदा करती हैहूँ का आलम है गिराफ्तारों की आबादी मेंहम तो सुनते थे की ज़ंज़ीर सदा करती है