लौट जाती है दुनिया गम हमारा देख करलौट जाती है दुनिया गम हमारा देख करजैसे लौट जाती हैं लहरें किनारा देखकरतुम कंधा ना देना मेरे जनाज़े कोकहीं फिर से ज़िंदा ना हो जाऊँ तेरा सहारा देखकर
दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करनादुनिया में किसी से कभी प्यार मत करनाअपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करनाकांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैंफूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना
खून बन कर मुनासिब नहीं दिल बहेखून बन कर मुनासिब नहीं दिल बहेदिल नहीं मानता कौन दिल से कहेतेरी दुनिया में आये बहुत दिन रहेसुख ये पाया कि हमने बहुत दुःख सहे
ज़ख़्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा हैज़ख़्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा हैज़ख़्म देकर पूछते हैं कि हाल कैसा हैकिसी एक से गिला अब क्या करें हमयहाँ तो सारी दुनिया का मिज़ाज़ एक जैसा है
तेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर हैं कि मर जायेंतेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर हैं कि मर जायेंवही आँसू, वही आहें, वही ग़म है जिधर जायेंकोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जातावही बेगाने चेहरे हैं जहाँ जायें जिधर जायें
दुनिया ने हम पे जब कोई इल्ज़ाम रख दियादुनिया ने हम पे जब कोई इल्ज़ाम रख दियाहमने मुक़ाबिल उसके तेरा नाम रख दियाइक ख़ास हद पे आ गई जब तेरी बेरुख़ीनाम उसका हमने गर्दिशे-अय्याम रख दियाशब्दार्थगर्दिशे-अय्याम = समय का चक्क