कभी रो के मुस्कुराएकभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोएजब भी तेरी याद सी आई तुझे भुला के रोएएक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखाजितना लिख के खुश हुए उससे ज्यादा मिटा के रोए
कौन कहता है तेरी याद से बेख़बर हूँ मैंकौन कहता है तेरी याद से बेख़बर हूँ मैंज़रा बिस्तर की सिलवटो से पूँछ, मेरी रात कैसे गुजरती है
काश वो एक नया तरीका मेरे क़त्ल का इज़ाद करेंकाश वो एक नया तरीका मेरे क़त्ल का इज़ाद करेंमर जाऊ मैं हिचकियों से वो इस कदर मुझे याद करें
अगर यूँही ये दिल सताता रहेगाअगर यूँही ये दिल सताता रहेगातो इक दिन मेरा जी ही जाता रहेगामैं जाता हूँ दिल को तेरे पास छोड़ेये मेरी याद तुझको दिलाता रहेगा
छोड़ दिया हमारा साथ कोई गम नहींछोड़ दिया हमारा साथ कोई गम नहींभूल जायेंगे आप हमें, पर भूलने वाले हम नहीं;आप से मुलाक़ात ना हो पाई तो कोई बात नहीं;आपकी एक याद मुलाकात से कम नहीं
दिल तड़पता रहा और वो जाने लगेदिल तड़पता रहा और वो जाने लगेसंग गुज़रे हर लम्हें याद आने लगेखामोश नज़रों से देखा जो उसने मुड करभीगी पलकों से हम भी मुस्कराने लगे