न ग़रज़ किसी सेन ग़रज़ किसी से, न वास्ता, मुझे काम अपने ही काम सेतिरे ज़िक्र से, तिरी फ़िक्र से, तिरी याद से तिरे नाम
वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गईवो न आए उनकी याद वफ़ा कर गईउनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गईआहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखामज़ाक हमसे हवा कर गई
वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गईवो न आए उनकी याद वफ़ा कर गईउनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गईआहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखामज़ाक हमसे हवा कर गई
आप भुलाकर देखोआप भुलाकर देखो, हम फिर भी याद आएंगेआपके चाहने वालों मेंआपको हम ही नज़र आएंगेआप पानी पी-पी के थक जाओगेपर हम हिचकी बनकर याद आएंगे
यादों की किम्मत वो क्या जानेयादों की किम्मत वो क्या जानेजो ख़ुद यादों के मिटा दिया करते हैंयादों का मतलब तो उनसे पूछो जोयादों के सहारे जिया करते हैं
जब याद तुम्हारी आती हैजब याद तुम्हारी आती हैपल-पल मुझको तड़पाती हैतुम नाम वहां पर लेती होलेकिन आवाज यहाँ तक आती है