कितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगेकितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगेजाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगेउस की याद की बाद-ए-सबा में और तो क्या होता होगा,यूँ ही मेरे बाल हैं बिखरे और बिखर जाते होंगेबंद रहे जिन का दरवाज़ा ऐसे घरों की मत पूछो,दीवारें गिर जाती होंगी आँगन रह जाते होंगेमेरी साँस उखड़ते ही सब बैन करेंगे रोएंगे,यानी मेरे बाद भी यानी साँस लिये जाते होंगेयारो कुछ तो बात बताओ उस की क़यामत बाहों कीवो जो सिमटते होंगे इन में वो तो मर जाते होंगे
तुम्हारी याद के सहारे जिए जाते हैंतुम्हारी याद के सहारे जिए जाते हैंवरना हम तो कब के मर गए होतेजो जख्म दिल में नासूर बन गएजख्म वो कब के भर गए होते
अगर यूँ ही ये दिल सताता रहेगाअगर यूँ ही ये दिल सताता रहेगातो एक दिन मेरा जी जाता रहेगामैं जाता हूँ दिल को पास तेरे छोड़ेमेरी याद तुझको दिलाता रहेगा
खूबियाँ इतनी तो नही हम में कि तुम्हे कभी याद आएँगेखूबियाँ इतनी तो नही हम में कि तुम्हे कभी याद आएँगेपर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर, आप हमे कभी भूल नही पाएँगे।
इतनी यादें तेरी पर तू मेरे पास ही नहीइतनी यादें तेरी पर तू मेरे पास ही नहीइतनी बातें हैं पर करने को तू साथ नही
मुझे मंज़ूर थे वक़्त के हर सितम मगरमुझे मंज़ूर थे वक़्त के हर सितम मगरतुमसे बिछड़ जाना, ये सज़ा कुछ ज्यादा हो गयी