आग़ाज़-ए-मोहब्बत का अंजाम बस इतना हैआग़ाज़-ए-मोहब्बत का अंजाम बस इतना हैजब दिल में तमन्ना थी अब दिल ही तमन्ना है
मुमकिन नहीं कि तेरी मोहब्बत की बू न होमुमकिन नहीं कि तेरी मोहब्बत की बू न होकाफ़िर अगर हज़ार बरस दिल में तू न होक्या लुत्फ़-ए-इंतज़ार जो तू हीला-जू न होकिस काम का विसाल अगर आरज़ू न होशब्दार्थहीला-जू = बहाना करने वालविसाल = मिल