माना कि प्यार किसी का मेरे पास नहींमाना कि प्यार किसी का मेरे पास नहींमगर तुम्हें मेरी मोहबबत का एहसास नहींजाने पी गए हम कितने ग़म-ए-आंसूअब कुछ और पाने की प्यास नहीं
इस दिल को अगर तेरा एहसास नहीं होताइस दिल को अगर तेरा एहसास नहीं होतातो दूर भी रह कर के यूँ पास नहीं होताइस दिल ने तेरी चाहत कुछ ऐसे बसा ली हैएक लम्हा भी तुझ बिन कुछ खास नहीं होता
मेरे प्यार को बहकावा समझ लिया उन्होंनेमेरे प्यार को बहकावा समझ लिया उन्होंनेमेरे एहसास को पछतावा समझ लिया उन्होंनेमैं रोती रही उनकी याद में पर हुआ ये किमुझे ही बेवफ़ा समझ लिया उन्होंने
मोहब्बत का ख़ुमार उतरा तोमोहब्बत का ख़ुमार उतरा तो, ये एहसास हुआजिसे मन्ज़िल समझते थे, वो तो बेमक़सद रास्ता निकला