अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहटअब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहटहो गया है ज़िन्दगी का तज़ुर्बा थोड़ा थोड़ा