आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुएआग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए;महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए;करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो;पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए
ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैकर ले तू सितम, तेरी हसरत जहाँ तक हैवफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगीहमें तो देखना है तू बेवफ़ा कहाँ तक है